सहमी रही अब तक अब मैं किसी से नहीं डरूंगी। सहमी रही अब तक अब मैं किसी से नहीं डरूंगी।
भारत मां के इन सिंहों ने जन-जन के दिल में चिंगारी क्रांति की भड़काई थी। भारत मां के इन सिंहों ने जन-जन के दिल में चिंगारी क्रांति की भड़काई थी।
विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !! विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !!
सजता उसके सर ही जीत वाला सेहरा है। सजता उसके सर ही जीत वाला सेहरा है।
चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को
प्यादों की तरह मात खाते हैं। प्यादों की तरह मात खाते हैं।